60 लाख के रिस्क से कोटक महिंद्रा को 3.50 लाख करोड़ तक पहुंचाने वाले उदय कोटक की सफलता की कहानी

उदय कोटक की सफलता की कहानी

सफलता कोई आसान रास्ता नहीं है। इसके लिए कड़ी मेहनत, लगन और सही समय पर सही फैसले लेने की जरूरत होती है। उदय कोटक की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उन्होंने एक छोटी सी शुरुआत से लेकर देश के सबसे सफल बैंकरों में से एक बनने का सफर तय किया है।

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बचपन से ही था उद्यमी बनने का जुनून

उदय कोटक का जन्म 15 मार्च, 1959 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता का नाम जयकुमार कोटक था। जयकुमार कोटक एक सफल व्यापारी थे और उनका परिवार कॉटन ट्रेडिंग का काम करता था। उदय को बचपन से ही उद्यमी बनने का जुनून था। उन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद 1981 में मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की।

60 लाख रुपये की रिस्क लेकर शुरू की कंपनी

एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद उदय कोटक ने अपने पिता के व्यापार में शामिल होने के बजाय खुद का काम करने का फैसला किया। उन्होंने 1985 में 60 लाख रुपये की रिस्क लेकर कोटक कैपिटल मैनेजमेंट फाइनेंस लिमिटेड की शुरुआत की। यह कंपनी एक निजी क्षेत्र की वित्तीय सेवा कंपनी थी।

महिंद्रा ग्रुप के साथ जुड़ाव

उदय कोटक के अच्छे दोस्त आनंद महिंद्रा, महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन हैं। उन्होंने उदय की कंपनी में निवेश किया और यह कंपनी कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड बन गई। आगे चलकर यही कंपनी कोटक महिंद्रा बैंक के नाम से प्रसिद्ध हुई।

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धीरे-धीरे कई क्षेत्रों में विस्तार

कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड की शुरुआत से ही कंपनी को सफलता मिल रही थी। उदय कोटक ने अपने नेतृत्व में कंपनी का विस्तार किया और अन्य कई क्षेत्रों में भी प्रवेश किया। 1998 में कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी लांच हुई और इस कंपनी ने म्यूच्यूअल फंड में प्रवेश किया। 2000 में पेन अफ्रीकन इन्वेस्टमेंट से टाईअप हुआ और उदय कोटक ने लाइफ इंश्योरेंस की शुरुआत की।

देश की दूसरी सबसे बड़ी कमर्शियल बैंक

उदय कोटक के नेतृत्व में कोटक महिंद्रा बैंक 11 साल के अंदर देश की दूसरी सबसे बड़ी कमर्शियल बैंक बन गई। बैंक का मार्केट कैप 3.50 लाख करोड़ रुपये है। वहीं, उदय कोटक की नेटवर्थ 1.10 लाख करोड़ रुपये है। उदय कोटक भारत के सबसे अमीर बैंकर हैं।

उदय कोटक की सफलता के मंत्र

उदय कोटक की सफलता के पीछे कई कारण हैं। उनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:

उद्यमिता की भावना: उदय कोटक को बचपन से ही उद्यमी बनने का जुनून था। उन्होंने अपने पिता के व्यापार में शामिल होने के बजाय खुद का काम करने का फैसला किया।
लगन और मेहनत: उदय कोटक एक लगनशील और मेहनती इंसान हैं। उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की है।
सही समय पर सही फैसले: उदय कोटक एक दूरदर्शी व्यक्ति हैं। उन्होंने अपने जीवन में कई बार सही समय पर सही फैसले लिए हैं।

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उदय कोटक की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है। यह कहानी हमें बताती है कि सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत, लगन और सही समय पर सही फैसले लेने की जरूरत होती है।

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