जन्म के समय गर्दन टूटी, हौंसला नहीं! जानिए Edelweiss Mutual Fund की CEO राधिका गुप्ता की संघर्ष से सफलता की कहानी, जिसने अपनी शारीरिक कमी को अपनी सफलता की राह में कभी आड़े नहीं आने दिया।
Radhika Gupta का जन्म 1983 में पाकिस्तान में हुआ था। उनके पिता एक राजनयिक थे, इसलिए उनकी शिक्षा भारत, पाकिस्तान, नाइजीरिया और अमेरिका में हुई। जन्म के समय कुछ परेशानियों के चलते राधिका की गर्दन टूट गई थी।
इस कारण स्कूल और कॉलेज में उनके साथियों ने उनका मजाक उड़ाया। लेकिन राधिका ने कभी भी अपनी शारीरिक कमी को अपनी सफलता की राह में आने नहीं दिया।
राधिका ने अपनी स्कूली शिक्षा खत्म करने के बाद अमेरिका से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी होने के बाद वे नौकरी की तलाश में लगीं।
उन्होंने 7 कंपनियों में इंटरव्यू दिया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इस कारण वे डिप्रेशन में चली गईं और उन्होंने आत्महत्या करने का फैसला कर लिया। लेकिन उनके दोस्तों ने उन्हें बचाया और उन्हें मनोचिकित्सक के पास ले गए।
मनोचिकित्सक के इलाज से राधिका की हालत में सुधार हुआ। तभी उन्हें एक जॉब का ऑफर आया। उन्होंने इंटरव्यू दिया और उन्हें मैकिन्से में नौकरी मिल गई। इस नौकरी के साथ ही उनके जीवन में खुशियां वापस लौट आईं।
2008 में वैश्विक आर्थिक संकट के कारण राधिका को भारत वापस आना पड़ा। उन्होंने अपने पति नलिन मोनिज़ के साथ मिलकर एसेट मैनेजमेंट कंपनी “फोरफ्रंट कैपिटल मैनेजमेंट” शुरू की। कुछ सालों बाद उनकी कंपनी को Edelweiss Mutual Fund ने टेकओवर कर लिया।
2017 में राधिका को Edelweiss Mutual Fund की CEO नियुक्त किया गया। 33 साल की उम्र में सीईओ बनने वाली राधिका भारत में सबसे कम उम्र की महिला सीईओ हैं। राधिका के नेतृत्व में Edelweiss Mutual Fund ने उल्लेखनीय प्रगति की है। कंपनी की नेटवर्थ 9128 करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।
पुरस्कार एवं मान्यता
राधिका के अनुकरणीय नेतृत्व और योगदान को कई प्रशंसाओं के माध्यम से मान्यता दी गई है:
- इकोनॉमिक टाइम्स 40 अंडर 40 बिजनेस लीडर्स अवार्ड-2021
- लिंक्डइन भारत में शीर्ष आवाजें -2021 वित्त और अर्थव्यवस्था में-2020
- विश्व आर्थिक मंच द्वारा युवा वैश्विक नेता-2022
- भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से सीआईआई वर्ष की युवा महिला नेता-2022
- फोर्ब्स महिला शक्ति – फोर्ब्स इंडिया द्वारा स्व-निर्मित महिलाएं-2022
- बिजनेस टुडे भारतीय बिजनेस में सबसे शक्तिशाली महिला पुरस्कार-2021 और 2019
- फॉर्च्यून इंडिया बिजनेस में 50 सबसे शक्तिशाली महिलाएं-2020
- इम्पैक्ट क्रिएटर अवार्ड्स 2021 महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा प्रस्तुत किए गए-2021
- बिजनेस बुक ऑफ द ईयर – सेल्फ हेल्प (लिमिटलेस) फिक्की पब्लिशिंग अवार्ड्स द्वारा-2023
Success Story of Radhika Gupta in Hindi
राधिका गुप्ता की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे शारीरिक कमी को कभी भी अपनी सफलता की राह में नहीं आने दिया जाए। राधिका के संघर्ष और सफलता की कहानी हर किसी के लिए एक आदर्श है।
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राधिका गुप्ता की सफलता के कुछ कारक:
- कड़ी मेहनत और लगन: राधिका ने अपनी सफलता के लिए कड़ी मेहनत और लगन से काम किया। उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और अपनी शारीरिक कमी को अपनी सफलता की राह में आने नहीं दिया।
- सकारात्मक सोच: राधिका ने हमेशा सकारात्मक सोच रखी। उन्होंने कभी भी अपनी शारीरिक कमी को लेकर खुद को कमजोर नहीं समझा।
- मनोबल: राधिका का मनोबल बहुत मजबूत था। उन्होंने कभी भी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाया।
राधिका गुप्ता की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि:
- शारीरिक कमी को कभी भी अपनी सफलता की राह में नहीं आने देना चाहिए।
- कड़ी मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
- सकारात्मक सोच हमें हर मुश्किल से पार पाने में मदद करती है।
- मनोबल मजबूत होने पर हम हर चुनौती का सामना कर सकते हैं।